जब से तुमको देखा है ।
मेरे दिल की अमावस में एक चाँद नज़र आया है।
तेरी आँखों का नूर जहाँ ने पाया है ।
हम क्या ? सारा जहाँ इसमें डूब सा गया है ।
तेरी जुल्फों की घटा ने क्या सामत लाई है ।
मेरे बैचेन दिल में राहत सी आई है ।
तेरी सुर्ख होटों ने क्या प्याले की शक्ल पाई है ।
इसे देख के मुझे तो मैखाने की याद आई है । ।
No comments:
Post a Comment