Thursday, April 15, 2010

wo kaun hai

वो कौन है?
जिसे मैं सुन सकता हूँ,
हाल-ए-दिल सुना सकता हूँ ।
एतबार कर सकता हूँ ,
पर दीदार नहीं कर सकता,आँखे चार नहीं कर सकता ...
वो कौन है?
जिसकी आँखों की चमक,
आँखों में समाई जाती है।
यादों से बोझल सांसो की सनसनाहट,
अहसासों की मीठी गंगा बहाई जाती है।
वो कौन है?और दिल में क्या है?
पता नहीं!!
शायद हवा के झोंको के संग भागी जाती है।
या फिर कोयल के संग प्रीत निभाई जाती है॥
उसकी धड़कन का हाल,
इस धड़कन से मिलता है
पता नहीं!!
कहीं ए उसकी तो निशानी नहीं है,
नहीं, धड़कन की तो,
अपनी एक अलग कहानी है।
वो कौन है ?और दिल में क्या है?
पता नहीं !!
आँखों की कमी अब बातें भी बयां करने लगी है,
यादों से बोझल सांसे भी थकने सी लगी है ।
मुझे तो उसकी लत से लग गयी है,
तुम बताओ कैसे जिया जाये ,तेरी आँखों में
तरस भी न आये .......

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